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तनहा तनहा सा रहता हूं..

तनहाई की आवाज़
तनहाई की आवाज़
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जुदा जुदा सा रहता हूं,
खफा खफा सा रहता हूं,
अकेला हूं बहुत आज कल
तनहा तनहा सा रहता हूं,
तेरे जाते ही मर गया हूं,
अब तो बस नाम को ही जीता हूं,

कोई मुझको न समझाओ,
मुझे कुछ समझ नही आता,
कोई रस्ता न दिखलाओ,
जो मंजिल तक नही तक नही जाता,
जो राहे ले जाए मुझे उनतक,
मैं उनपर चलता रहता रहता हूं,

वो हमसे कह गये जाते जाते ,
भूल जाऊं उन्हे और उनकी चाहतें,
पर भूल बैठा हूं मैं सारा जमाना,
नही भूला तो बस उनको चाहना,
हर रोज कुछ नया भुलाता रहता हूं,
बस उन्हे चाहता रहता हूं,

मुझे समझाते हैं लोग, मरने वाले नही आते
मुझे बहकाते हैं लोग, सपने जिये नही जाते
मै कहता हूं मै तो मर सकता हूं
इस तरह  मै अपना सपना भी जी सकता हूं
और बस यूं छोड दिया जीना मैने
अब हर सांस पर मरता रहता हूं,

जो कर पाये, तो इतना फर्ज निभा दे कोई
वो करें इंतजार मेरा, संदेशा पहूंचा दे कोई
वो साथ छोड सकते है, दिल तोड सकते है
दिल जोडने का हुनर, उनको सिखा दे कोई
अब दीबारें गिराता रहता हूं
अपने टोडे हुए रिस्ते बनाया करता हूं

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