तनहाई की आवाज़
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बहुत रोया हुआ हूं मैं,
मेरी अॉखों को मत देखो,
बहुत खोया हुआ हूं मैं,
मेरे हॉथों को मत देखो,
अगर देखना है तो
मेरी तकदीर देखो तुम,
मेरी मंजिल को देखो,
राहों के कॉटों को मत देखो,
रोज जुड जाता है यह,
रोज टूटने के बाद,
इस दिल की फितरत देखो,
इसके जजबातों को मत देखो,
हूं खाली हंथ खडा, इस
महफिल-ए-गुलजार में,
मेरी कोशिस को देखो तुम,
इसकी तबीयत को मत देखो,
चला जाऊंगा जैसे ही
मेरी यह नज़्म खत्म होगी,
तो इसकी मस्ती देखो तुम,
मेरी हस्ती को मत देखो,,
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