Menu
blogid : 19890 postid : 807038

अब मैं चेहरे नही पढता…..

तनहाई की आवाज़
तनहाई की आवाज़
  • 11 Posts
  • 10 Comments

अब मैं चेहरे नही पढता ,मुझे डर लगता है,
हर चेहरे में शैतान छुपा दिखता है,
इतना  मिलता है मेरे दोस्त का चेहरा मेरे दुश्मन से,
कि अब दोस्त भी दुश्मनों सा लगता है,

हर रोज राहें बदलने की भूल करता हूं,
कभी मंजिल नही बदल पाता ,
हर रोज निकलता हूं मैं जिंदगी की तलास में,
हर कदम शमशान की ओर बढा दिखता है,

कितना बदल गया है जमाना
भरोसा उठने के बाद,
कल तक पत्थर था खुदा,
आज खुदा भी पत्थर दिखता है,

है इल्तजा कि मेरी कहानी न सुनना कोई,
मैं चहता मुहब्बत का नाम जिंदा रहे,
इतना बदनाम कर दिया इसे खुदगर्जों ने,
कि अब यह चंद किस्सों मे बचा दिखता है,

अपने दर्द को सीने से लगा के रखना,
हर आंसू है कीमती बहुत, बचा रे रखना,
करके रखना दोस्ती अपनी तनहाई से,
जब कोई नही होता, यह साथ दिखता है,

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh